नई दिल्ली। नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार की सख्त नीति और लगातार चल रहे अभियानों का असर दिखने लगा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को बताया कि बीते दो दिनों में कुल 258 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।
गृह मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गुरुवार को 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जबकि बुधवार को 27 नक्सलियों ने हथियार डाले। इसी दौरान महाराष्ट्र में भी 61 नक्सलियों ने समर्पण कर दिया।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “पिछले दो दिनों में 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है। हिंसा त्यागकर भारत के संविधान में अपना विश्वास पुनर्स्थापित करने का यह निर्णय सराहनीय है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि नक्सलवाद अब अपनी आखिरी सांसें ले रहा है।
गृह मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि “जो नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।”
अमित शाह ने बताया कि अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को नक्सल-मुक्त क्षेत्र घोषित किया जा चुका है। अब केवल साउथ बस्तर में छिटपुट नक्सली सक्रिय हैं, जिन्हें जल्द ही समाप्त कर दिया जाएगा।
उन्होंने जानकारी दी कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2,100 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, 1,785 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं और 477 को सुरक्षा बलों ने निष्क्रिय (न्यूट्रलाइज) किया है।
गृह मंत्री ने कहा कि यह सब केंद्र और राज्य सरकारों के समन्वय, सुरक्षा बलों की कुशल रणनीति और जनता के सहयोग से संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त कर दिया जाए।
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